मालूम नहीं क्यू ये लगता है,
मन सूना सूना यु रहता है/
जब साथ आपथे थो बात कुछ और थी,
अबथो सिर्फ तनहा राते ही नसीब है//
मोव्सम तब सुहाना था,
जब आप के एक नज़र मेरे ज़िन्दगीमे लायाता बहार/
वो बात कुछ और थी...के आपके हँसी रोशनी लाथीथी अक्सर अपने साथ,
ये वक्त कुछ और है....अबथो बस अन्देराका है अनगिनत बात//
22 September 2011
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